गत दो दशक से मेरी लेखनी विविध विधाओं में सृजन कर रही है। अपने लिखे को व्यवस्थित रूप से सहेजने की बेचैनी ही इस ब्लाॅग की आधारशिला है। समसामयिक विषयों पर की गई टिप्पणी से लेकर पौराणिक संदर्भों तक की गई समस्त रचनाएँ इस ब्लाॅग पर उपलब्ध हो रही हैं। मैं अनवरत अपनी डायरियाँ खंगालते हुए इस ब्लाॅग पर अपनी प्रत्येक रचना प्रकाशित करने हेतु प्रयासरत हूँ। आपकी प्रतिक्रिया मेरा पाथेय है।
Thursday, September 28, 2017
कविकर्म
कभी हिचकी, कभी आँसू, कभी मुस्कान बाँटेंगे अना, उम्मीद, नेकी, हिम्मत-ओ-अरमान बाँटेंगे कभी शब्दों का मरहम इश्क के घावों पे रखेंगे कभी नफरत को चैनो-अम्न का सामान बाँटेंगे
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