Tuesday, March 24, 2020

लाॅकडाउन अपील

घर पर रहोगे, तो रहोगे

जिस घर के सपने देखे थे, आओ कुछ दिन उस घर में सपने देखें

यह एकांतवास नहीं, तपस्या है

कवि सम्मेलनों को कोरोना से नुक़सान हुआ है, कविता को नहीं


आपदा की इस घड़ी में "ख़ुद को भी छूने से बचें"

-चिराग़ जैन

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