गत दो दशक से मेरी लेखनी विविध विधाओं में सृजन कर रही है। अपने लिखे को व्यवस्थित रूप से सहेजने की बेचैनी ही इस ब्लाॅग की आधारशिला है। समसामयिक विषयों पर की गई टिप्पणी से लेकर पौराणिक संदर्भों तक की गई समस्त रचनाएँ इस ब्लाॅग पर उपलब्ध हो रही हैं। मैं अनवरत अपनी डायरियाँ खंगालते हुए इस ब्लाॅग पर अपनी प्रत्येक रचना प्रकाशित करने हेतु प्रयासरत हूँ। आपकी प्रतिक्रिया मेरा पाथेय है।
Tuesday, March 24, 2020
कर्फ्यू खुलते ही
कर्फ्यू खुलते ही सबको आधार कार्ड का फोटो बदलवाने के लिए लाइन में लगना पड़ेगा क्योंकि 21 दिन में तो असली चेहरे निकल ही आएंगे!
No comments:
Post a Comment