Sunday, August 9, 2020

रोटी मांगे पेट

राम जी का मंदिर बनैया रे, बनैया रे
देस में बजई हैं बधैया रे
सरयू जी के तट पर रमैया रे
देस में बजई हैं बधैया रे

रामराज की फील करा दो, सब कुछ कर दो सेट
भूखे पेट भजन का करिहैं, रोटी मांगे पेट
कित्ते दिन मंझीरा बजैया रे
देस में बजई हैं बधैया रे

थाली और कटोरी देखें दो रोटी की राह
चूल्हा ठण्डा पड़ा सीगड़ी कब से रही कराह
बैठी-बैठी घूरे कढ़ैया रे
देस में बजई हैं बधैया रे

पैटरोल के दाम डराते, देस रहा है झेल
सारी पूंजी हर कर ले गया, रावण बनकर तेल
कैसे अब गड़िया चलैया रे
देस में बजई हैं बधैया रे

© चिराग़ जैन

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