एक राजा, एक रानी
कुछ वज़ीरों की कहानी
चंद घोड़े, चंद हाथी
बस यही है राजधानी
ऊँट रस्ता तक रहे, चुपचाप भादों का
कौन पूछे हाल प्यादों का
कोई मजबूरी जताकर मार डालोगे हमें तुम
कल बिसातों पर मगर फिर से सजा लोगे हमें तुम
दाँव पहला, हर दफ़ा हम ही चलेंगे खेल में पर
हम घिरे तो खेल से बाहर निकलोगे हमें तुम
जानते हैं रंग हम सबके लबादों का
कौन पूछे हाल प्यादों का
हाँ, ज़माने के लिए तुम हर तरह हम से बड़े हो
पर हक़ीक़त में हमारी ओट में दुबके पड़े हो
जंग के मैदान में दोनों तरफ़ से घिर गए हम
सामने दुश्मन खड़ा है, और पीछे तुम खड़े हो
वार सहना है हमें सबके इरादों का
कौन पूछे हाल प्यादों का
भूलना मत, हम नहीं हैं अब तुम अपने आसरे हो
भूलना मत, जिस जगह हम थे, वहाँ अब तुम धरे हो
भूलना मत ढाल तुमको, बोझ लगने लग गई थी
हम तुम्हारे मोहरे थे, तुम किसी के मोहरे हो
अब दिखेगा नूर सारे शाहज़ादों का
कौन पूछे हाल प्यादों का
© चिराग़ जैन
कुछ वज़ीरों की कहानी
चंद घोड़े, चंद हाथी
बस यही है राजधानी
ऊँट रस्ता तक रहे, चुपचाप भादों का
कौन पूछे हाल प्यादों का
कोई मजबूरी जताकर मार डालोगे हमें तुम
कल बिसातों पर मगर फिर से सजा लोगे हमें तुम
दाँव पहला, हर दफ़ा हम ही चलेंगे खेल में पर
हम घिरे तो खेल से बाहर निकलोगे हमें तुम
जानते हैं रंग हम सबके लबादों का
कौन पूछे हाल प्यादों का
हाँ, ज़माने के लिए तुम हर तरह हम से बड़े हो
पर हक़ीक़त में हमारी ओट में दुबके पड़े हो
जंग के मैदान में दोनों तरफ़ से घिर गए हम
सामने दुश्मन खड़ा है, और पीछे तुम खड़े हो
वार सहना है हमें सबके इरादों का
कौन पूछे हाल प्यादों का
भूलना मत, हम नहीं हैं अब तुम अपने आसरे हो
भूलना मत, जिस जगह हम थे, वहाँ अब तुम धरे हो
भूलना मत ढाल तुमको, बोझ लगने लग गई थी
हम तुम्हारे मोहरे थे, तुम किसी के मोहरे हो
अब दिखेगा नूर सारे शाहज़ादों का
कौन पूछे हाल प्यादों का
© चिराग़ जैन
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