जहाँ-जहाँ जो जो संपर्क सूत्र थे उन सबको प्रयोग कर चुका हूँ। अब नाशिक से लेकर इंदौर तक और देहरादून से लेकर जोधपुर तक अपने फोन में उपलब्ध प्रभावी तथा सामाजिक रूप से सक्रिय लोगों के नम्बर न जाने कितने लोगों के साथ साझा कर चुका हूँ।
मेरी इस धृष्टता से कई ज़रूरतमंदों को समय पर मदद मिल गयी है। हालाँकि कुछ लोग नाराज़ भी हुए हैं लेकिन मेरे लिए ये नाराज़गी झेलना महंगा सौदा नहीं है। यदि आप भी मेरी फोनबुक में मौजूद हैं तो तैयार रहिएगा, किसी अनजान नम्बर से आपके पास भी मदद का फोन आ सकता है; यदि इर्रिटेट हो जाएँ तो बाद में मुझे फोन करके गालियाँ दे लेना, पर इस वक़्त मुसीबत में फँसे उस व्यक्ति की सहायता कर देना।
-चिराग़ जैन
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