जिनकी जाँच नहीं हो पा रही
उनको ख़ामोश कर देना।
जिनको इलाज नहीं मिल पा रहा
उनकी ज़ुबान सी देना।
जो अस्पतालों के बाहर दम तोड़ रहे हैं
उन पर पर्दा डाल लेना।
जो श्मशान में
अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं
उनसे नज़रें फेर लेना।
...लेकिन एक क़िस्सा
अपने आलीशान बैडरूम में
ठीक अपनी आँखों के सामने लिखवा लेना
कि जब चिताएँ भी
हिरण्यकश्यप की महत्वाकांक्षा का
साधन बन जाती हैं
तब
उसके अपने ही महल के खंभे
उसके विनाश का उद्भव बन जाते हैं।
जिनको इलाज नहीं मिल पा रहा
उनकी ज़ुबान सी देना।
जो अस्पतालों के बाहर दम तोड़ रहे हैं
उन पर पर्दा डाल लेना।
जो श्मशान में
अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं
उनसे नज़रें फेर लेना।
...लेकिन एक क़िस्सा
अपने आलीशान बैडरूम में
ठीक अपनी आँखों के सामने लिखवा लेना
कि जब चिताएँ भी
हिरण्यकश्यप की महत्वाकांक्षा का
साधन बन जाती हैं
तब
उसके अपने ही महल के खंभे
उसके विनाश का उद्भव बन जाते हैं।
© चिराग़ जैन
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