Saturday, April 18, 2020

लॉकडाउन के बाद...

सम्भवतः लॉकडाउन पूर्ण होने वाला है। इस आवश्यक निर्णय के लिए सरकार साधुवाद की पात्र है। आज पहली बार इस लॉकडाउन के दौर में उत्पन्न हुई कुछ ऐसी समस्याओं का ज़िक्र कर रहा हूँ, जिनसे जूझने के लिए सरकारों और नागरिकों को अतिरिक्त श्रम करना होगा। इनमें से अधिकतर समस्याओं का कारण नागरिकों की प्रवृत्ति में सम्मिलित भ्रष्टाचार, लापरवाही और कामचोरी है। 
1. लॉकडाउन का लाभ उठाकर सफाई कर्मचारियों ने कॉलोनियों को रामभरोसे छोड़ दिया है। पेड़ों से झड़ते पत्ते और उन पर बरसात के पानी की नमी... बड़े नालों की सफाई अवरुद्ध.... छोटी नालियाँ और गटर सड़ रहे हैं... महीने भर से सड़कों और आवासीय कॉलोनियों में झाड़ू नहीं लगी... यह सब मच्छरों के लिए स्वर्ग है। दिल्ली के द्वारका क्षेत्र में मच्छरों का जो प्रकोप है उसे देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि हम कितनी बड़ी समस्या की ओर बढ़ रहे हैं। इस कामचोरी के कारण वे सफाई कर्मचारी भी बदनाम होंगे, जो निष्ठापूर्वक अपना काम कर रहे हैं। 
2. बाज़ार और दफ़्तर बन्द होने के कारण चूहों की मौज आ गई है। नगर निगम को यह व्यवस्था करनी होगी कि बाज़ार और दफ्तर खुलने से पहले, नियमित सफाई और कीटनाशक प्रयोग कर इस संकट से जूझने की तैयारी रखे।
3. जिन मरीज़ों को नियमित स्वास्थ्य जाँच की आवश्यकता होती है, लॉकडाउन से उनकी जाँच बाधित हुई है। इसके कारण लॉकडाउन खुलने पर अस्पतालों और लेबोरेटरी पर खासा वर्कलोड बढ़ने की आशंका है। इस स्थिति से जूझने के लिए जनता को धैर्य और सरकार को समुचित तैयारी की आवश्यकता होगी। 
4. बन्द दुकानों में काफी खाद्य सामग्री सड़ रही होगी, जो लॉकडाउन खुलने पर कूडाघरों तक पहुँचेगी। इसके निस्तारण की नीति में कोताही बरती गई तो सड़ांध के कारण जीना मुहाल हो जाएगा।
5. रेल पटरियों, पुलों, सड़कों के स्वास्थ्य की निरंतर जाँच और मरम्मत सरकार करवाती है। लॉकडाउन खुलने से पूर्व इस कार्य को गंभीरतापूर्वक सम्पन्न करना बेहद ज़रूरी है। 

कोरोना से निपटने के लिए राजनैतिक इच्छा शक्ति में कहीं कोई कमी नहीं है। किन्तु कुछ लोगों की कामचोरी और कुछ लोगों की लापरवाही लॉकडाउन के बाद नई चुनौतियों को जन्म दे सकती है। स्वच्छ भारत अभियान के क्रियान्वयन का यह सर्वश्रेष्ठ समय है। सरकार अपनी ज़िम्मेदारी पूरी तरह निबाह रही है। अब हमारा कर्त्तव्य है कि हम अपने आसपास की साफ-सफाई का ध्यान रखें। जिन कॉलोनियों में सफाई कर्मचारी नहीं आ रहे हैं, या ठीक से सफाई नहीं कर रहे हैं, वहाँ के नागरिकों को अपने घर के बाहर, फ्लैट की सीढ़ियों और यथासम्भव आंगन तक झाड़ू बुहारी करते रहें। क्योंकि डेंगू का मच्छर किसी को काटने से पहले उससे उसका फ्लैट नम्बर नहीं पूछता। 

© चिराग़ जैन

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