Tuesday, May 22, 2018

आदमी की ज़िंदगी

आदमी की ज़िंदगी ईवेंट मैनेजमेंट है 

मौत उसकी ज़िन्दगी का आख़िरी ईवेंट है 

साँस रहने तक जियोगे, ये तो अग्रीमेंट है 

किस तरह जीना है अब ये आपका टैलेंट है 

 © चिराग़ जैन

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