Monday, May 7, 2018

तूफ़ान, सरकार और मीडिया

मौसम विभाग की भविष्यवाणी कमज़ोर साबित हुई। तूफान की गति और प्रचंडता बताने में मौसम विभाग निष्फल सिद्ध हुआ। ज्ञात हो कि मौसम विभाग के बताए गए समय से दो दिन पूर्व ही देश भर के मीडिया में तूफान कहर बरपाने लगा था। 
टेलीविज़न चैनलों के संवाददाताओं और प्रस्तोताओं के चेहरे की बदहवासी से स्पष्ट हो रहा था कि तूफान भयंकर है और संवाददाता के ठीक पीछे दुबका हुआ है। चैनल के ग्राफिक आर्टिस्ट्स के दिलो-दिमाग़ में तूफान ने हंगामा मचाया कि उड़ती हुई धूल को गूगल से डाउनलोड करके भारतीय टच कैसे दिया जाए। 
सोशल मीडिया पर भी तूफान की गति भयंकर थी। व्हाट्सएप्प पर ताज़ा अपडेट के टेक्सट तथा वीडियोज़ के ऊँचे बवंडर आवश्यक संदेशों को उड़ा ले गए। फेसबुक पर तूफानी चुटकुलों ने देश के अन्य मुद्दों के हज़ारों पेड़ गिरा दिए। 
महानगरों में किसी के टकराने से भी यदि किसी पेड़ में कुछ स्पंदन हुआ तो उसे रिकॉर्ड करके उतावलों ने तूफान सिद्ध कर दिया। कहीं-कहीं तो पेड़ के न हिलने की स्थिति में कैमरे को हिला-हिलाकर शूटिंग करके भी तूफान के वीडियो वायरल किये गए। रेडियो प्रस्तोताओं ने भी अपने श्रोताओं को फोन कर करके उनके घर के पर्दों का हिल्लन जँचवाया।
इस भयंकर अप्रकृतिक आपदा में कई सौ मीटर फुटेज बर्बाद हो गई। अड़तालीस से ज़्यादा घण्टों के मारे जाने की सरकार ने पुष्टि की है। सरकार ने चेतावनी जारी करते हुए सभी नागरिकों को किसी भी वास्तविक मुद्दे के सिर उठाने की स्थिति में ऐसे तूफान के प्रति सतर्क रहने को कहा है।

© चिराग़ जैन

No comments:

Post a Comment