कहने की सुविधा दिलवाई जाएगी
सच कहने पर रोक लगाई जाएगी
पागल हाथी की जंगली चिंघाड़ों से
बंसी की आवाज़ दबाई जाएगी
पहले मुद्दों से तो ध्यान हटाने दो
फिर शायद तस्वीर हटाई जाएगी
साहब मरहम लेकर आते ही होंगे
तब तक सबको चोट खिलाई जाएगी
जनता दंगों में फाके करती होगी
हाकिम के घर खीर बनाई जाएगी
© चिराग़ जैन
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