Sunday, April 22, 2018

प्रश्न संस्कृति

अंधियारे में चलते रहने से जग का उत्थान न होगा
प्रश्नों से परहेज किया तो कोई अनुसंधान न होगा

भगवद्गीता उत्तर ही तो है अर्जुन की जिज्ञासा का
यम तक ने सम्मान किया है नचिकेता की अभिलाषा का
समवशरण में प्रश्न न हों तो आगम ज्ञान कहाँ से आता
प्रश्न गरुड़ यदि पूछ न पाते गरुड़ पुराण कहाँ से आता
ज्ञानपिपासा तृप्त हुई तो ईश्वर का अपमान न होगा
प्रश्नों से परहेज किया तो कोई अनुसंधान न होगा

यक्षों की अनदेखी करके प्यास बुझाना सम्भव है क्या
शंकाओं का उत्तर देना सचमुच एक पराभव है क्या
कनक, कसौटी से कतराए ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है
जिज्ञासा से आँख चुराए, वह मेरा आराध्य नहीं है
प्रश्न सुने तो आपा खो दे, वह मानुष विद्वान न होगा
प्रश्नों से परहेज किया तो कोई अनुसंधान न होगा

सावित्री की हठ ने चाहा उसके पति के प्राण न जाएँ
तब तक प्रश्न उठाते रहिए जब तक विधिना मान न जाएँ
प्रश्नों के ही ताड़पत्र पर हर इक ग्रंथ लिखा होता है
प्रश्नों की आधारशिला पर ही गणतंत्र टिका होता है
जो प्रश्नों को द्रोह कहे उस शासक का यशगान न होगा
प्रश्नों से परहेज किया तो कोई अनुसंधान न होगा

दम्भी राजा की मनमानी का प्रतिकार गुनाह नहीं है
अभिमानी की पूजा करना प्रह्लादों की चाह नहीं है
मृत्यु प्रकट होती खम्भे से अहम् अगर सिर चढ़ आता है
वरदानों का दंभ किया तो विधि का लेखा मिट जाता है
राम अमर होंगे युग-युग तक, रावण का अभिमान न होगा
प्रश्नों से परहेज किया तो कोई अनुसंधान न होगा

© चिराग़ जैन

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