किस राजा ने दांव लगाया
किस शकुनि ने फेंके पासे
किस देवर ने चीर उघाड़ा
कौन ससुर हैं आज रुआँसे
इन प्रश्नों में मत उलझाओ, चीरहरण के वादी सब हैं
लड़ते रहना युद्ध भले तुम, पर सचमुच अपराधी सब हैं
दुर्योधन के कान कहेंगे, हमने इक उपहास सहा था
जाति बताकर रश्मिरथी ने, इक दहता संत्रास सहा था
भीष्म बंधे हैं सिंहासन से, दुःशासन मद में ऐंठे हैं
द्रोण द्रुपद से अपमानित हैं, पाण्डव दास हुए बैठे हैं
कुल की लज्जा से इस पल में, मौन-मुखर संवादी सब हैं
लड़ते रहना युद्ध भले तुम, पर सचमुच अपराधी सब हैं
शांतनु-से कामुक पुरखे का कोई पिछला पाप फला हो
सम्भव है गांगेय तुम्हीं कोे, अम्बा का अभिशाप फला हो
जाने कब किस दुःशासन ने, किसके कुल की लाज घसीटी
जाने कब किस राजभवन में, किस कामी ने जंघा पीटी
अवसर मिलने पर अपराधी हो जाने के आदी सब हैं
लड़ते रहना युद्ध भले तुम, पर सच में अपराधी सब हैं
© चिराग़ जैन
किस शकुनि ने फेंके पासे
किस देवर ने चीर उघाड़ा
कौन ससुर हैं आज रुआँसे
इन प्रश्नों में मत उलझाओ, चीरहरण के वादी सब हैं
लड़ते रहना युद्ध भले तुम, पर सचमुच अपराधी सब हैं
दुर्योधन के कान कहेंगे, हमने इक उपहास सहा था
जाति बताकर रश्मिरथी ने, इक दहता संत्रास सहा था
भीष्म बंधे हैं सिंहासन से, दुःशासन मद में ऐंठे हैं
द्रोण द्रुपद से अपमानित हैं, पाण्डव दास हुए बैठे हैं
कुल की लज्जा से इस पल में, मौन-मुखर संवादी सब हैं
लड़ते रहना युद्ध भले तुम, पर सचमुच अपराधी सब हैं
शांतनु-से कामुक पुरखे का कोई पिछला पाप फला हो
सम्भव है गांगेय तुम्हीं कोे, अम्बा का अभिशाप फला हो
जाने कब किस दुःशासन ने, किसके कुल की लाज घसीटी
जाने कब किस राजभवन में, किस कामी ने जंघा पीटी
अवसर मिलने पर अपराधी हो जाने के आदी सब हैं
लड़ते रहना युद्ध भले तुम, पर सच में अपराधी सब हैं
© चिराग़ जैन
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