Sunday, April 8, 2018

खुद मान जाना है मुझे

बस इसी सूरत हर इक रिश्ता निभाना है मुझे
जब कभी वे रूठ जाएं, तो मनाना है मुझे
वो मनाने आएंगे मुझको न ये उम्मीद हो
हर दफा खुद रूठकर खुद मान जाना है मुझे

© चिराग़ जैन

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