Wednesday, April 18, 2018

पराजित विजेता

धर्मराज स्वीकार करोगे? रण से जीते इस शासन में
कुछ अनबोले वृक्षों के शव भी शामिल हैं सिंहासन में
धर्मराज स्वीकार करोगे?

लाक्षागृह की कालनिशा में जिस भिलनी को दमित किया था
जिनके शव की भस्म बनाकर दुर्योधन को भ्रमित किया था
उन बच्चों की दग्ध अस्थियां चुभती होंगी सिंहासन में
धर्मराज स्वीकार करोगे?

अर्जुन के जीवन की रक्षा हेतु भतीजा भेंट चढ़ा था
बर्बरीक की छल-हत्या पर सारा मजमा मौन खड़ा था
क्या इनका बलिदान पढ़ोगे शपथ ग्रहण के अभिभाषण में
धर्मराज स्वीकार करोगे?

अर्जुन, भीम सदा आगे थे हर अवसर पर गौण रहे तुम
द्रोणप्रवर के विश्वासों की हत्या करके मौन रहे तुम
भ्रम को पोषित करना भी क्या पाप नहीं है अनुशासन में
धर्मराज स्वीकार करोगे?

मेघों से गठबंधन करके अर्जुन के प्रण पूर्ण कराए
एक नपुंसक के पीछे छिपकर पौरुष पर तीर चलाए
कोई भेद नहीं था उस क्षण तुम सबमें और दुःशासन में
धर्मराज स्वीकार करोगे?

भूल गए वह ब्राह्मण का घर; झूठ जहाँ कहकर ठहरे थे
द्रुपदसुता के बँटवारे पर तुम कितने गूंगे-बहरे थे
कैसे बाँट सके तुम पाँचो इक जीवित नारी राशन में
धर्मराज स्वीकार करोगे?

© चिराग़ जैन

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